1. ओ३म् में ओ
के आगे बना '३' है
(अ) ह्रस्व
स्वर
(ब) दीर्घ
स्वर
(स) प्लुत
स्वर
(द) उपर्युक्त
में से कोई नहीं।
2. 'इ' वर्ण का उच्चारण स्थान है—
(अ) कण्ठ
(ब) तालु
(स) मूर्धा
(द) ओष्ठ।
3. पितृणम् पद
में कौन-सी संन्धि है—
(अ) गुण
सन्धि
(ब) वृद्धि
सन्धि
(स) यण्
सन्धि
(द) दीर्घ सन्धि।
4. शुद्ध वाक्य
है
(अ) ज्ञानं
बिना न मुक्तिः
(ब) ज्ञानेन
बिना न मुक्तिः
(स) ज्ञानात्
बिना न मुक्तिः
(द) उपर्युक्त
सभी।
5. चतुर्विंशतिः
का अर्थ है
(अ) चौबीस
(ब) अस्सी
(स) सोलह
(द) एक
सौ चौबीस।
6. संख्यावाची
शब्द "एकोनविंशतिः" अंक का
वाचक है ?
(अ) 19
(ब) 20
(स) 21
(द) 29. .
7. अनुक्त कर्म
कारक में विभक्ति होती है ?
(अ) प्रथमा
विभक्ति
(ब) द्वितीय
विभक्ति
(स) तृतीया
विभक्ति
(द) चतुर्थी
विभक्ति।
8.'इकोयणचि'
सूत्र है ?
(अ) दीर्घ
सन्धि का
(ब) गुण
सन्धि का
(स) यण्
सन्धि का .
(द) अयादि
सन्धि का।
9. संस्कृत में
प्रत्यय की संख्या होती है ?
(अ) दो
(ब) तीन
(स) चार
(द) पाँच
10. चन्द्रशेखर
में समास है ?
(अ) द्वन्द
समास
(ब) द्विगु
समास
(स) अव्ययी
भाव समास
(द) बहुब्रीहि
समास।
11. ध्वनि के
काल (समय) से उत्पन्न भेद हैं
(अ) हृस्व
(ब) दीर्घ
(स) प्लु
त
(द) उपरोक्त सभी।
12. स्वर होते
हैं
(अ) उदात्त
(ब) अनुदात्त
(स) स्वरित
(द) उपरोक्त
सभी।
13. ध्वनि के
उच्चारण स्थान कृत भेद हैं—
(अ) कण्ठ
(ब) जिह्वा
(स) तालु
(द) उपरोक्त
सभी।
14. अन्तस्थ
व्यंजन होते हैं।
(अ) 3
(ब) 4
(स) 5
(द) 6.
15. ऊष्म व्यंजन
होते हैं
(अ) 3
(ब) 4
(स) 5
(द) 6.
16. पाणिनी के अनुसार
संस्कृत वर्णों के सूत्र हैं
(अ) 21
(ब) 14
(स) 32
(द) 30.
17. संस्कृत में
ध्वनियों की कुल संख्या है
(अ) 21
(ब) 25
(स) 30
(द) 64.
18. संस्कृत
भाषा में कुल स्वर है
(अ) 15
(ब) 21
(स) 24
(द) 52.
19. संस्कृत
भाषा में कुल व्यंजन हैं—
(अ) 25
(ब) 39
(स) 26
(द) 09.
20. संस्कृत
भाषा में यम हैं
(अ) 10
(ब) 15
(स) 4
(द) 5.
21. संस्कृत
भाषा में वर्ण के भेद हैं
(अ) 2
(ब) 15
(स) 4
(द) 20.
22. सन्धि के भेद
हैं
(अ) अच्
सन्धि या स्वर सन्धि
(ब) हल
सन्धि या व्यंजन सन्धि
(स) विसर्ग
सन्धि
(द) उपरोक्त
सभी।
23. 'उपेन्द्रः'
में सन्धि है
(अ) गुण
सन्धि
(ब) विसर्ग
सन्धि
(स) दीर्घ
सन्धि
(द) यण्
सन्धि।
24. 'यद्यपि'
में सन्धि है—
(अ) वृद्धि
सन्धि
(ब) दीर्घ
सन्धि
(स) खरिच
सन्धि
(द) यण
सन्धि।
25. 'गंगा में
सन्धि है
(अ) अयादि
सन्धि
(ब) अनुस्वार
सन्धि
(स) षटुत्व
सन्धि
(द) कोई
भी नहीं।
26. 'छात्रापि'
में सन्धि है—
(अ) शेरि
सन्धि
(ब) दीर्घ
सन्धि
(स) विसर्ग
सन्धि
(द) कोई
भी नहीं।
27. 'पावक'
में सन्धि है—
(अ) अयादि
सन्धि
(ब) गुण
सन्धि
(स) स्वर
सन्धि
(द) कोई
भी नहीं।
28. संस्कृत में
समास का प्रयोग किया जाता है—
(अ) भाषा
में संक्षिप्त भाव लाने के लिए
(ब) सुन्दरता
लाने के लिए
(स) अ
+ ब दोनों
(द) इनमें
से कोई नहीं।
29. द्वन्द्व
समास के भेद हैं
(अ) इतरेतर
द्वन्द्व
(ब) समाहार
द्वन्द्व
(स) एकशेष
द्वन्द्व
(द) उपरोक्त
तीनों। .
30. बहुब्रीहि
समास के भेद हैं—
(अ) समानाधिकरण
(ब) व्यधिकरण
.
(स) अ
+ ब दोनों
(द) इनमें
से कोई नहीं।
31. 'भ्रातरौ'
में समास है
(अ) समाहार
समास
(ब) एकशेष
द्वन्द्व समास
(स) तत्पुरुष
समास
(द) कोई
भी नहीं।
32. 'विद्याधनम्
' में समास है
(अ) तत्पुरुष
समास
(ब) द्विगु
समास
(स) रूपक
कर्मधारय समास
(द) कोई
भी नहीं। -
33. व्यधिकरण
तत्पुरुष समास के भेद होते हैं
(अ) 6
(ब) 8
(स) 12
(द) 18. :
34. 'दशः आननः
यस्य सः' समास-विग्रह के बाद शब्द होगा
(अ) पंचाननः
।
(ब) दशाननः
(स) गजाननः
(द) कोई
भी नहीं।
35. बहुब्रीहि
समास के भेद होते हैं .. .
(अ) दो
..
(ब) छः
(स) सातारा
(द) आठ।
36. शब्द बनते
हैं
(अ) वर्णों
के संयोग से
(ब) अक्षरों
के संयोग से |
(स) अ
+ ब दोनों
(द) इनमें
से कोई नहीं।
37. संस्कृत भाषा
में लिंग होते हैं
(अ) पुल्लिंग
(ब) स्त्रीलिंग
(स) नपुंसकलिंग
(द) उपरोक्त
सभी।
38. "फल"
शब्द में लिंग है
(अ) अकारान्त
पुल्लिंग
(ब) उकारान्त
पुल्लिंग
(स) अ
+ ब दोनों
(द) इनमें
से कोई नहीं
39. "शिशु"
शब्द है
(अ) इकारान्त
पुल्लिंग –
(ब) उकारान्त
नपुंसकलिंग,
(स) अ
+ ब दोनों -
(द) इनमें
से कोई नहीं
40. संस्कृत में
सर्वनाम शब्दों में नहीं होती
(अ) पंचमी
विभक्ति
(ब) षष्ठी
विभक्ति –
(स) सम्बोधन
(द) इनमें
से कोई नहीं।।
41. संस्कृत में
अस्मद् तथा युष्मद् के रूप तीनों लिंगों में
(अ) समान
होते हैं
(ब) समान
नहीं होते हैं।
(स) अ
+ ब दोनों
(द) इनमें
से कोई नहीं
42. बालक में
चतुर्थ विभक्ति में प्रथम वचन में रूप होगा
(अ) बालकाय
(ब) बालकात्
(स) बालकेन
(द) कोई
भी नहीं।
43. नपुंसकलिंग
है
(अ) बालक
(ब) एते
(स) नदी
(द) सर्वा।
44. 'के'
रूप है—
(अ) पुल्लिग.
(ब) नपुंसक
लिंग
(स) स्त्रीलिंग
(द) सर्वनाम।
45. धातुओं को
संस्कृत में कितने गणों में बाँटा गया है
(अ) 8
(ब) 9
(स) 10
(द) इनमें
से कोई नहीं।
46. संस्कृत
पाठ्यक्रम में लकारों की संख्या है—
(अ) 4
(ब) 5
(स) 6
(द) इनमें
से कोई नहीं।
47. 'श्र'
धातु से लृट लकार मध्यम पुरुष एकवचन का रूप होगा
(अ) श्रोष्यतः
(ब) श्रोष्यसि
(स) भविष्यतः
(द) कोई
नहीं।
48. 'दृश'
धातु का लट् लकार उत्तम पुरुष के द्विवचन का रूप होगा
(अ) पश्यावः
(ब) पश्यति
(स) पश्यथः
(द) पश्यतः
49. 'लभ'
धातु का लोट् लकार के प्रथम पुरुष में बहुवचन में रूप होगा
(अ) लभति
(ब) लभेत्
।
(स) लभन्ताम्
(द) लभेसहि।
50. 'अस्'
धातु लङ् लकार के उत्तम पुरुष के द्विवचन के रूप होगा
(अ) अस्ति
(ब) स्मः
(स) आस्म
(द) आस्व।
51. कर्म कारक
में विभक्ति होती है
(अ) प्रथमा
(ब) द्वितीया
(स) तृतीया
(द) इनमें
से कोई नहीं.
52. नाम मात्र
में विभक्ति होती है
(अ)द्वितीया
(ब) प्रथमा
(स) तृतीया
(द) इनमें
से कोई नहीं।'
53. कर्म कारक
का चिह्न है
(अ) का
(ब) को
(स) के
(द) इनमें
से कोई नहीं
54. द्वितीया विभक्ति
का प्रयोग होता है—
(अ) एकर्मक
धातुओं में ।
(ब) द्विकर्मक
धातुओं में
(स) बहुकर्मक
धातुओं में
(द) इन
सभी में।
55. नवनवति शब्द
का अर्थ है—
(अ) नब्बे
(ब) एकानवै
(स) निन्यानवे
(द) इनमें
से कोई नहीं।
56. सहस्रम् का
अर्थ है
(अ) सौ
(ब) सात
सौ
(स) हजार
(द) इनमें
से कोई नहीं।।
57. "राम
कृष्णौ" शब्द में समास है—
(अ) द्वन्द्व
समास
(ब) द्विगु
समास
(स) दोनों
(द) इनमें
से कोई नहीं
58. "त्रिलोकी"
शब्द में समास है—
(अ) द्वन्द्व
समास
(ब) द्विगु
समास
(स) अ
+ ब दोनों
(द) इनमें
से कोई नहीं।
59. "राज
पुत्रः" में कौन-सा समास है—
(अ) द्वन्द्व
समास
(ब) द्विगु
समास
(स) तत्पुरुष
समास
(द) इनमें
से कोई नहीं।
60. किसी बात को
सुनकर लिखने को कहते हैं ।
(अ) द्रुत
लेख ।
(ब) निबन्ध
(स) श्रुत
लेख
(द) लेख।
61. किसी वाक्य
को देखकर ठीक वैसा ही वाक्य लिखना-'
(अ) श्रुतलेख
(ब) कथन
(स) सुलेख
(द) अनुलेख।
62. किसी के
द्वारा बोले हुए वाक्य को लिखना उसे कहते हैं
(अ) सुलेख
(ब) कथन
(स) श्रुतलेख
(द) नाटक।
63. संस्कृत में
समास के भेद हैं
(अ) चार
(ब) दो
(स) तीन
(द) पाँच।
64. उपसर्ग के
प्रयोग से अर्थ बदल जाता है .
(अ) क्रिया
का
(ब) धातु
का
(स) दोनों
का
(द) इनमें
से कोई नहीं।
65. उपसर्ग के
प्रयोग से वाक्य हो जाता है—
(अ)चमत्कारयुक्त
(ब) गरिमापूर्ण
(स) अ
+ ब दोनों
(द) इनमें
से कोई नहीं
66. प्रत्यय होते
हैं
(अ) कृदन्त
प्रत्यय
(ब) तद्वित
प्रत्यय
(स) अ
+ ब दोनों
(द) इनमें
से कोई नहीं।
67. संस्कृत में
वाक्य की क्रियाएँ होती हैं...........वाच्य में
(अ) 4
(ब) 3
(स) 5
(द) इनमें
से कोई नहीं।
68. गुरु शब्द का
द्वितीया विभक्ति का द्विवचन क्या होगा
(अ) गुरुणा
(ब) गुरुभिः
(स) गुरू
(द) गुरुभ्यः
।
69. मुनि शब्द
का प्रथमा विभक्ति प्रथम वचन क्या होगा .
(अ) मुनेः
(ब) मुनिः
(स) मुनिभ्याम्
(द) मुनी।
70. नदी शब्द का
चतुर्थी विभक्ति द्विवचन क्या होगा- .
(अ) नद्याः
(ब) नदीभ्याम्
(स) नदीभिः
(द) नद्योः
71. धेनु शब्द
का तृतीया विभक्ति एकवचन क्या होगा
(अ) धेनूः
(ब) धेन्वा
(स) धेनुभ्याम्
(द) धेनुषु।
72. तीन (त्रि) का प्रथम विभक्ति प्रथम वचन क्या होगा
(अ) गिभ्यः
(ब) तिस्रः
(स) त्रिभिः
(द) त्रयः
73. अपादान कारक
का विभक्ति चिह्न क्या है
(अ) हे!
भो!
(ब) में,
पर
(स) से
(अलग होना)
(द) ने।
74. नारियल को
संस्कृत में क्या कहा जाता है
(अ) नारियलम्
(ब) नारिकेलम्
(स) नारियल:
(द) नारि।
75. सेब को
संस्कृत में क्या कहा जाता है
(अ) कदलीफलम्
(ब) सेवम्
(स) बदरम्
(द) सेबिः
76. सरसों को
संस्कृत में क्या कहते हैं
(अ) सरसम्
(ब) सर्षपः
(स) सरसोंहम्
(द) सर्षप्म्।
77. संज्ञाएँ
कितने प्रकार की होती हैं।
(अ) चार
(ब) तीन
(स) पाँच
(द) छः
78. 'विसर्ग का
उच्चारण स्थान बताइए (डी. एल. एड. 2016)
(अ) कण्ठ
(ब) तालु
(स) दन्त
(द) ओष्ठ।
79. 'एकोनचत्वारिंशत्'
शब्द का अर्थ है (डी. एल. एड. 2016)
(अ) सैंतालिस
(ब) उनतालिस
(स) उनतीस
(द) उनचास।
80. 'चोरभयम्'
में समास है (डी. एल. एड. 2016)
(अ) तत्पुरुष
समास
(ब) द्वन्द्व
समास
(स) अव्ययीभाव
समास
(द) द्विगु
समास।
81. भयार्थक तथा
रक्षार्थक धातुओं के साथ विभक्ति का प्रयोग होता है
(डी. एल. एड. 2016)
(अ) चतुर्थी
विभक्ति
(ब) षष्ठी
विभक्ति
(स) पञ्चमी
विभक्ति
(द) द्वितीया
विभक्ति।
82. 'अहं बालकं
पश्यामि' वाक्य का कर्मवाच्य में परिवर्तन होगा
(डी. एल. एड. 2016)
(अ) मया
बालक: दृश्यते
(ब) मया
बालकं दृश्यत
(स) मया
बालकं दृश्यति
(द) मया
बालकः दृश्यति।
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